मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने गुरुवार को नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) लिस्ट 2020 जारी करते हुए देश के टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के नाम बताए। उच्च शिक्षा संस्थानों की इस रैंकिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास ने ओवर ऑल कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया है। इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलुरूको दूसरा स्थान मिला है, जबकि IIT दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा। इसके साथ इस साल के टॉप 10 इंस्टिट्यूट में आईआईटी समेत जेएनयू और बीएचयू भी शामिल है। आइए जानते है इस के टॉप 10 संस्थानों के बारे में….
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित IIT मद्रास की स्थापना 1959 में हुई थी। यह भारत सरकार के सहयोग से स्थापित तीसरा आईआईटी है। नेशनल रैंकिंग में नंबर 1 यह इंस्टीट्यूट ना सिर्फ एक बेहतरीन रिसर्च सेंटर है बल्कि शिक्षण और इंडस्ट्रियल कंस्लटेंसी के लिए भी देशभर में जाना जाता है। खास बात यह है कि IIT मद्रास के 620 एकड़ कैंपस का आधा हिस्सा सुरक्षित वन क्षेत्र है,जिसमें ढेरों हिरण हैं, तितली की 40 प्रजातियां हैं और 100 तरह की चिड़िया हैं। यह देश का सबसे पर्यावरण अनुकूल इंस्टीट्यूट है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना जमशेत जी नसरवान जी टाटा द्वारा 27 मई 1909 को हुई थी। यह देश का पहला ऐसा संस्थान है, जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से बनाया गया। नेशनल रैंकिंग में दूसरे स्थान पर रहे यह संस्थान एक शताब्दी से भी ज्यादा समय से विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। दो विभागों - जनरल और एप्लाइड केमिस्ट्री और इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज छह डिवीजनों में 40 विभागों का संचालन कर रहा है।
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाने वाले IIT दिल्ली की स्थापना सन् 1961 में की गई थी। दक्षिण दिल्ली के हौज खास में स्थित इस इंस्टिट्यूट का कैंपस करीब 320 एकड़ तक फैला हुआ है। नेशनल रैंकिंग में देश में तीसरे स्थान पर रहा IIT दिल्ली चारों तरफ से हरे-भरे इलाके से घिरा है। इसमें 13 हॉस्टल और शॉपिंग मॉल, अपनी वॉटर और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई के साथ 11 मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर हैं।
देश के दूसरे और विदेशी सहायता से स्थापित पहले संस्थान IIT बॉम्बे की स्थापना साल 1958 में हुई थी।साल 1961 में संसद ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को ‘’राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’’ के रूप में घोषित किया। तब से IIT मुंबई विकास करते हुए और ज्यादा मजबूत होता गया और दुनिया के शीर्ष तकनीकी संस्थानों में से एक बन के उभरा। इस इंस्टिट्यूट को पूरी दुनिया में इंजीनियरिंगऔर रिसर्च के क्षेत्र में लीडिंग इंस्टिट्यूट के रूप में देखा है।
देश के पहले IIT खड़गपुर की स्थापना हिजली बंदी गृह के पास साल 1950 में हुई थी। इसके पहले सत्र की शुरुआत में यहां 42 शिक्षक और 224 छात्र थे। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में कॉलेज की नई बिल्डिंग की नींव का पत्थर रखा। इससे पहले यह कॉलेज हिजली डिटेंशन कैंप में चलाया जाता था। आज इस संस्थान के पास एशिया में सबसे बड़ी साइंस और टेक्नोलॉजी की लाइब्रेरी है, जिसमें 3.8 लाख दस्तावेज, 1,250 प्रिंट जर्नल्स और 40,000 ई-बुक्स हैं।
भारत के टॉप इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में से एक IIT कानपुर की स्थापना साल 1959 में हुई थी। यह कानपुर में एग्रीकल्चरल गार्डंस की कैंटीन में एक सिंगल रूम में शुरुआत हुए IIT- कानपुर के पास आज 1,000 एकड़ का कैंपस और 5,400 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। यह कॉलेज कानपुर शहर से करीब 16 किलोमीटर दूर जी.टी. रोड़ कल्याणपुर के ननकारी में स्थित है।
देश के 7वें आईआईटी, IIT गुवाहाटी की स्थापना साल 1994 में की गई थी। यहां साल 1995 में एकेडमिक सेशन की शुरुआत हुई। यह भारत का एकमात्र ऐसा इंस्टीट्यूट है, जिसे टाइम्स हायर एजुकेशन ग्लोबल 100 में टॉप 50 में जगह मिली थी। IIT गुवाहाटी शहर से 20 किलोमीटर दूर 285 हेक्टैयर जमीन पर फैला है। इसके एक तरफ ब्रह्मपुत्र नदी और दूसरी ओर पहाड़ और खुले मैदान हैं।
रैंकिंग में 7वें स्थान पर रहा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) देश का अग्रणी और चर्चित विश्वविद्यालय से में एक है। इसकी स्थापना साल 1966 में संसद के एक अधिनियम द्वारा हुई थी।स्थापना के तीन साल बाद 1969 में अस्तित्व में आए जेएनयू ने भारतीय विश्वविद्यालय प्रणाली में नया दृष्टिकोण लाया। जेएनयू देश का पहला ऐसा संस्थान है जो फॉरेन लैग्वेज में 5 साल का एमए प्रोग्राम ऑफर करता है। इसे UGC ने ‘University of Excellence’ का भी नाम दिया है।
साल 1948 से 2001 तक यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की और 1853 से 1948 के दौरान थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के नाम से मशहूर IIT रुड़की की स्थापना ब्रिटिश इंडिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स थॉमसन ने 1847 में की थी। इसे 1949 में यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया और 2001 में इसे भारत के सातवें IIT के रूप में मान्यता दी गई। यह संस्थान दुनिया के बेहतरीन इंस्टीट्यूट में से एक है, जिसे साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग के फील्ड में रिसर्च और शिक्षा के लिए ट्रेंड-सेटर माना जाता है।
बीएचयू के नाम से जाना जाने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने थी। इसकी आधारशिला 4 फरवरी, 1916 को लॉर्ड हॉर्डिंग के द्वारा रखी गई थी, जो तत्कालीन वायसराय था। इस यूनिवर्सिटी को एशिया की सबसे बड़ी आवासीय यूनिवर्सिटी माना जाता है। इसे पूरब का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है। 1300 से अधिक एकड़ में फैले इस संस्थान में दुनिया भर से करीब 34 देशों के स्टूडेंट्स पढ़ने आते है।
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