तमिलनाडु सरकार ने इस साल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET) पास करने वाले सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। दरअसल, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स को 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने के विधेयक पर अपनी सहमति दी है। इस बारे में ऐलान करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि,सरकारी स्कूलों के उन स्टूडेंट्स को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा,जिन्होंने इस साल NEET क्वालिफाई कर लिया है।
मौजूदा सत्र से लागू होगा नया नियम
रिजर्वेशन के सरकारी आदेश के बाद अब मौजूदा एकेडमिक ईयर 2020-21 से MBBS,BDS,BSMS, BAMS, BUMS और BHMS में एडमिशन के लिए सरकारी स्कूल के सफल कैंडिडेट्स को 7.5 प्रतिशत सीटें रिजर्व रखी जाएगी। यह फैसला सत्तारूढ़ AIADMK-led राज्य सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश जारी किए जाने के एक दिन बाद आया है। इसमें राज्यपाल ने एडमिशन प्रोसेस से पहले बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए बाईपास किया था, जो जल्द ही शुरू होगा।
CGI ने बिल को बताया संविधान के अनुरूप
बिल को मंजूरी देने के बाद, राज्यपाल पुरोहित ने एक बयान जारी कर कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पी के पलानीस्वामी ने पहले कहा था कि NEET कोटा विधेयक के तहत करीब 300 सीटें वंचित परिवार से आने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षित की जाएंगी। वहीं, देश के सॉलिसिटर जनरल (CGI) तुषार मेहता ने भी इस विधेयक को संविधान के अनुरूप बताया। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह न्यायिक समीक्षा और आरक्षित सीटों की ऊपरी सीमा से संबंधित अन्य संवैधानिक सिद्धांतों के अधीन है।
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