एसबीआई पीओ और IBPS PO देश के सबसे लोकप्रिय बैंकिंग एग्जाम है। जहां तक एग्जाम पैटर्न और क्वेश्चन की बात है, तो यह दोनों में लगभग समान है। लेकिन SBI PO में नए पैटर्न के सवाल ज्यादा होने से यह ज्यादा डिफिकल्ट लगता है। डिफिकल्टी लेवल पर करने वाला दूसरा और सबसे अहम फैक्टर है- वैकेंसी की संख्या, क्योंकि SBI PO में इनकी संख्या कम होती है, जिससे कट ऑफ हाई हो जाती है और ज्यादा डिफिकल्ट बनाती है।
SBI PO के कटऑफ में हुई बढ़ोतरी
SBI PO और IBPS PO के प्रीलिम्स 100 मार्क्स के होते हैं। टोटल मार्क्स और कटऑफ के मामले में दोनों परीक्षाओं में कोई अंतर नहीं है। हाल के वर्षों में SBI PO के कटऑफ में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसकी प्रमुख वजह है IBPS PO की तुलना में इसके तहत आने वाले पदों की कम संख्या। यह सबसे बड़ा फैक्टर है, जो इन दोनों के डिफिकल्टी लेवल को तय करता है। पिछले कुछ सालों में वैकेंसी काफी कमी आई है, जिसके चलते कटऑफ में वृद्धि हुई है। 2019 में जहां आईबीपीएस ने पीओ की 4000 से ज्यादा वैकेंसी निकाली थी, तो वहीं एसबीआई ने दो हजार ही निकालीं।
रिक्रूटमेंट प्रोसेस में नहीं है कोई बड़ा फर्क
दोनो ही परीक्षाओं के रिक्रूटमेंट प्रोसेस लगभग एक जैसी ही है, क्योंकि दोनों में ही आवेदन का तरीका, सिलेबस और आयोजक संस्थान एक ही है। ऐसे में डिफिकल्टी लेवल की परख का आधार नियुक्ति की प्रक्रिया को नहीं बनाया जा सकता। हां, इन दोनों में मेन एग्जाम और इंटरव्यू प्रोसेस में मार्किंग सिस्टम में अंतर देखा जा सकता है। IBPS PO का मेन 225 मार्क्स का होता है, जबकि एसबीआई में 250 मार्क्स का होता है। इसी तरह आईबीपीएस का इंटरव्यू 100 मार्क्स का, जबकि SBI PO का 50 मार्क्स का होता है।
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