लॉकडाउन के दौरान मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में गेमिंग सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेग्मेंट रहा। इस दौरान इसके रेवेन्यू में 45 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली। देश में कई गेमिंग प्लेटफार्म पर यूजर बेस में 3 गुना और मोबाइल ट्रैफिक में 30% इजाफा दर्ज हुआ है। देश में गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ की बात करें तो यह 2014 में 0.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2019 में 2 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। रेडसिअर के मुताबिक 2024 में इसके 9 बिलियन डॉलर के पार होने की उम्मीद है।
देश में शुरुआती स्टेज पर गेमिंग
एक्सपर्ट के मुताबिक ई- स्पोर्ट्स जो गेमिंग का अहम क्षेत्र है, देश में अभी अपनी शुरुआती स्टेज में है। निकट भविष्य में इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है, क्योंकि यहां की 50 फ़ीसदी से ज्यादा जनसंख्या 25 साल से कम है, जो कंपनी इसका मुख्य टारगेट ग्रुप है। आंकड़ों से यह साफ है कि ई- स्पोर्ट्स एक उभरता हुआ सेक्टर है, जो अपने अंदर कई अपॉर्चुनिटी समेटे है। जानिए यह कौन से अवसर है और इसके लिए क्या तैयारी करनी होगी।
यह गेमिंग कोर्सेस करें जॉइन
ई- स्पोर्ट्स के लिए दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज में कई कोर्सेस उपलब्ध है। यूडेमी और कोर्सेरा पर भी गेमिंग के कोर्सेस है, जो ई- स्पोर्ट्स में स्पेशलाइजेशन ऑफर करते हैं। यह क्षेत्र से जुड़ी स्किल्स और गेम थ्योरी के अलावा इस इंडस्ट्री के बिजनेस पहलुओं जैसे टीम इवेंट्स मैनेज करना, गेम डिजाइन, ई- स्पोर्ट्स मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कोचिंग, इवेंट प्रमोशन, कम्युनिकेशन अकाउंटिंग, लाइव स्ट्रीमिंग को हैंडल करना भी सिखाते हैं।
अवसरों की तलाश में रहें- हमेशा फ्रेश अपॉर्चुनिटीज की तलाश में रहें। टूर्नामेंट प्रोवाइडर्स और ब्रॉडकास्टर्स से मिले या अनुभव हासिल करने के लिए कंपनी ज्वाइन करें। इंटर्नशिप भी आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाकर हायरिंग में मदद करती है।
उसे चुने जिसमें आप अच्छे हों- अपने स्किल्स अनुभव और रुचि के हिसाब से गेम चुनें। नए गेमर्स के लिए पहले से स्थापित गेम्स में जगह बनाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए उन्हें अपने लिए अपकमिंग गेम्स चुनने चाहिए।
यह जॉब अपॉर्चुनिटीज है उपलब्ध
- प्रो गेमर- यह इस इंडस्ट्री का सबसे पसंदीदा ऑप्शन है। ये अपने गेम्स में एक्सपर्ट होते हैं और टीम लीग्स और ई- स्पोर्ट्स कंपनी के लिए खेलते हैं। इन्हें टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग देशों में जाना होता है। साथ ही अपने कोच, टीम और मैनेजर्स के साथ मिल कर काम करना होता है।
- ई- स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट- यह उनके लिए एक रोमांचक करियर हो सकता है, जो 4 प्लेयर्स टूर्नामेंट और ई- स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़ी न्यूज़, आर्टिकल, फीचर्स और ओपिनियंस लिखने में इंटरेस्टेड है।
- प्रोडक्ट मैनेजर- यह प्रोफेशनल बिजनेस और सोशल मीडिया स्ट्रेटजी तैयार करते हैं। पीआर मार्केटिंग कैंपेन संभालते हैं। खास प्रोडक्ट्स और सर्विसेज डेवलप्ड करते हैं। मार्केट एनालाइज करते हैं और नेशनल- इंटरनेशनल ई- स्पोर्ट्स इवेंट्स को मैनेज करते हैं। दूसरे डिपार्टमेंट और स्पॉन्सर्स के साथ मिलकर अपनी कंपनी के लिए नए ऐप्स और एक्सेसरीज तैयार करते हैं।
- गेम/क्यूए टेस्टर्स- क्वालिटी एश्योरेंस टेस्टर गेम लॉन्च होने की शुरुआती स्टेज में सुनिश्चित करते हैं कि गेम्स बिना किसी तकनीकी रुकावट के चले और इसके लिए बग्स भी डिटेक्ट करते हैं। इस काम में वे अपनी एनालिटिकल स्किल्स और टेक्निकल नॉलेज का इस्तेमाल करते हैं।
- ई- स्पोर्ट्स रेफरी/एडमिन- दूसरे गेम्स के रेफरी की तरह ही ई- स्पोर्ट्स रेफरी गेम में रूल्स की पालना सुनिश्चित करता है और मतभेद दूर करता है। इसके लिए मजबूत इंटरपर्सनल स्किल्स के साथ रूल्स की पूरी जानकारी और सही निर्णय लेकर डिस्प्यूट दूर करने की समझ होनी जरूरी है।
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